World Obesity Day: मोटापे से ग्रसित लोगों को कोरोना से अधिक खतरा

World Obesity Day: मोटापे से ग्रसित लोगों को कोरोना से अधिक खतरा

सेहतराग टीम

मोटापे की वजह से लोगों को तमाम बीमारियों का सामना करना पड़ता है। मोटापा डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी कई बीमारियों को जन्म देता है। मोटापे की वजह से कोरोना वायरस जैसी बीमारी का भी सामना करना पड़ सकता है। कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में किये गए रिसर्च और अध्ययन के बाद यह बात निकलकर सामने आई कि मोटापा COVID-19 संक्रमण का कारण बन सकता है। यही नही कोरोना से ठीक होने के बाद भी मोटापे से ग्रसित लोगों को तमाम समस्याएं आती हैं। पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन का रिस्क मोटे लोगों में सामान्य लोगों की तुलना में 3 गुना अधिक होता है। पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन और मोटापे को लेकर हमने दिल्ली के इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट - जनरल एंड एडवांस्ड लेप्रोस्कोपिक सर्जरी विभाग, डॉ फैसल मुमताज़ से बातचीत की। आइये जानते हैं कि मोटापे से ग्रसित लोगों में पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन का ख़तरा 3 गुना अधिक क्यों होता है।

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क्या है पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन

कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक होने के बाद भी लोग काफी दिनों तक अस्वस्थ रहते हैं। काफी लोगों में यह देखा गया है कि कोरोना से ठीक होने के बाद उन्हें मांसपेशियों में दर्द, थकान, सीने में दर्द आदि समस्या शुरू हो जाती है। कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी काफी दिनों तक इस बीमारी की वजह से होने वाली दूसरी समस्याओं के होने को पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन कहते हैं। पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन का ख़तरा अधिक उम्र वाले लोगों में ज्यादा होता है लेकिन मोटापे की समस्या से जूझ रहे लोगों में इसका ख़तरा 3 गुना अधिक होता है। कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हुए मरीजों में पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन के सबसे ज्यादा मामले मोटापे की समस्या से पीड़ित लोगों में पाए गए हैं। पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं।

  • सांस लेने में दिक्कत
  • थकान
  • खांसी
  • जोड़ों में दर्द
  • सीने और छाती में दर्द की समस्या
  • मांसपेशियों में दर्द और सिरदर्द
  • दिल की धड़कन का तेज होना
  • स्वाद में कमी
  • महक या गंध में कमी
  • याददाश्त, एकाग्रता और नींद की समस्या
  • बालों का झड़ना
  • फेफड़े और गले में सूजन

मोटापे की समस्या से जूझ रहे लोगों को अधिक ख़तरा

मोटापा एक ऐसी समस्या है जिसमें सांस से जुड़ी कई बीमारियां होती हैं जैसे ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया। ऐसी स्थिति में मरीजों को सांस लेने में पहले से ही कठिनाई होती है और कभी-कभी बैठे-बैठे सो जाना या अचानक सांस रुकने जैसी समस्या से जूझना पड़ता है। यही वजह है कि जो व्यक्ति मोटापे की बीमारी से पीड़ित है उन्हें पहले से ही सांस से जुड़ी समस्याएं होती हैं ऐसे लोगों कोविड-19 का संक्रमण होने पर उनकी रिकवरी में काफी समस्याएं आती हैं। मोटापे से ग्रसित लोगों को मेटाबोलिक सिंड्रोम जैसी समस्या होती है जिसकी वजह से उनकी कोरोना वायरस संक्रमण से रिकवरी अन्य लोगों की तुलना में देर से होती है। स्लीप एपनिया और अस्थमा जैसी समस्या से ग्रसित मोटे व्यक्तियों में पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन होने का ख़तरा ज्यादा होता है।

कोरोना से ठीक होने के बाद भी हो सकती हैं कई समस्याएं

सामान्य व्यक्ति की तुलना में मोटापे से पीड़ित लोगों में कोरोना से ठीक होने के बाद पोस्ट कोविड समस्याएं जिनमें सांस लेने की दिक्कत, हाई ब्लड प्रेशर, सीने और छाती में दर्द आदि शामिल हैं, अधिक होती है। डॉ फैसल मुमताज़ बताते हैं कि मोटापे से पीड़ित व्यक्ति को कोरोनाकाल में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। कोरोना से ठीक होने के बाद पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन से बचने के मोटापे से पीड़ित व्यक्तियों को भी ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है।

इन बातों का ध्यान रखकर कम कर सकते हैं खतरा

इन बातों को ध्यान में रखकर मोटापे की समस्या से ग्रसित लोग पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन में हो रही दिक्कतों को कम कर सकते हैं।

  • खानपान का विशेष ध्यान रखें
  • मोटापे को कम करने वाले व्यायाम करें
  • कोरोना के नियमों का पालन करें
  • चिकित्सक द्वारा बताये गए नियमों का पालन
  • फेफड़ों को स्वास्थ्य रखने वाले व्यायाम करें
  • नियमित रूप से दवाओं का सेवन करें

मोटापे की समस्या से जूझ रहे व्यक्तिओं को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि मोटापे की वजह से शरीर में कई तरह की दूसरी बीमारियां भी जन्म ले सकती हैं। कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने के बाद ऐसे व्यक्तियों को पर्याप्त आराम करना चाहिए। पोस्ट कोविड मैनेजमेंट के लिए डॉक्टर द्वारा दी गयी सलाह का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।

(साभार- Onlymyhealth)

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